लायन्स क्लब के संदर्भ में मैं हमेशा सोचता रहा कि यह एक मिशन है सद्भावना का। अनुष्ठान है मनुष्यता का, आग्रह है सेवा का और वचनबद्धता है सामाजिक मूल्यों की। लायन्स क्लब एक संस्था नहीं आंदोलन का नाम है।
वह आंदोलन जो देश और समाज की रचना धर्मियता से एवं वचनपरस्ती के जज्बे से जुड़ा हुआ है। लोग आते है और चले जाते हैं लेकिन कारवा चलता रहता है। इस मिशन में यादों के कई गुलदस्तें जुड़े हुए हैं। सभी साथियों ने इस स्फूर्त मन से मुझे जो सहयोग दिया, जज्बा दिया उसके लिये मैं उनका हृदय से आभारी हूँ। उनके साथ बिताये गये यह दिन, यादों के फलसफे हैं जो हमेशा मेरे जहन में नक्श रहेंगे। खूब सहयोग मिला मुझे और भावनात्मक रूप से आप लोगों का प्यार भी मिला।
सचमुच में आत्मविभोर हूँ।